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काई दिन ऐसे ही बीट जाते हैं हर रूज मोमो खा खा के दोनों परेशान हो जाते हैं दोनों को समझ ही नहीं आ रथा का आता होता के ये कौन कर रहा है और क्यूं एक रात को फिर दर्वाजा पीठने की आवाज आती है दोनों हिमात करके बहार तक जा ही रहे होते है के सामने उनको सफीर सारे में एक आत्मा दिखाई देती है जो के उन ही के तरफ आ रही होती है दोनों बहुत दर्द जाते है