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कांग्रा मल्ला पन्यवाँ जनके प्रवः संगे अखने साजनो तू मीत मेरा ग्रह तेरे तबके मान मंगु तान मंगु तन लक्षिनी सते दे मुकत जुगत उगत पूरन परमाननत परम निदान पै पाई पगत निहाव नानक सदा सदा निहवाँ.