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सुन दरंपाल, किसेने कौन नू कान ख़बर ना हो इस बिया की, मन उन छोरी के मरजी के खिलाफ बियाओन लाग रहे हैं, पर अपना फायदा देखना भी तो ज़रूरी है। उम्भी बियां में गिनती के लोग बुलाएं हैं, बरात की गाड़ी के अलावा, रोड का कोई भी पिछे, फिर थमने बेराये उसका के करना है। जब तक विदाई नहीं होंगी, रोड पे निगा राखियो, मैं भी देखूं वो आशिक मेरी बेट्टी ने किस तरह बैया के � वो म्यावणी खातर आया जो ना दंदा देना था, किस तो लिटांग के आयार्या बंदा के कभजा देना था, सरे गुंद्यावारे रोली लोगा ही दर दर भसेगी, जरीगी भसोगी, और कौन वे पैर भसंती के आज चुकर न तैगी, और पूरे धूम जड़ा के ते सिर जोली उठैगी, कैतो गुंगरू थूतेंगे न करतर तूटेंगी, सब बरे सोच में तेरे यार कैस न भसेगी, अरे तू कर ली बात बधसंती के गंबर भी न तैगा, पेवा में सिर मान मोचे, कर ये थोड़ा जान मोचे, मैं नी चानती खुली खरां बात, लेकर आत्मान मोचे, अरे खुरके खुरके भीना बावली पेको न जतता, जो डुंगा खाली लागे तुतेंगे गोड़ा न चलता, सब दुले हारी कूर्टी बैच ले यार भी न तैगा, अरे तू कर ली बात बधसंती के गंबर भी न तैगा, हमने खेलाए धन्जा की, तर गारू मांगे बंधा की, हमने सुर प्यास भी खालेना, तर भुज़े चले यंजा की, अरे गारू भीना पढ़ेवा की, रशेवा न होंदी, अरे सेवा भीना कदे भी हर सिल मेवा न होंदी, तो मैं हैरी लाथ धर्खागा, नारी पीट बंधेगा, अरे तू कर ली बात बधसंती के गंबर भी न तैगा, तो मैं हैरी लाथ धर्खागा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंध नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, नारी पीट बंधेगा, �