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Laval was a boy who had a great interest in ghosts. He always read stories about ghosts and witches. He wanted to know if ghosts were real or if it was all just fiction. To find out, he made a plan to visit a nearby cemetery at night and stay there until morning. However, he was too scared to go inside the cemetery and decided to wait outside. Rahul, his friend, called him from inside and asked if he saw any witches. Rahul replied no. Then, Rahul's friend suggested they leave and go home because he was feeling scared. But Rahul insisted on staying and witnessing if a witch would appear. After waiting for a while, a witch came out of a grave and started eating a dead body. Rahul got scared and decided to never visit a cemetery again. He ran away with the witch chasing him. Finally, they reached home and Rahul told his friend about the terrifying experience. लावल नाम का एक लरका था। इसे भूतों के बारे में जानने का बड़ा शौक था। वह हमेशा भूतों और छुडायलों की कहानिया पढ़ता रहता था। वह यह जानना चाथा था कि भूत होते भी हैं या ये सब एक मनगलन कहानी हैं कि लोग बस एक दरका महाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि छुडायल होती हैं। वह यही सब पुछता रहता था। इस बात का पता लगाने के लिए उसने एक तरकीर निका लिए। उसने अपने दर्श से कहा कि पास की एक कबरिस्तान में आज रात को हम दोनों चलेंगे और पूरी रात महा जाग कर पता करेंगे कि छुडायल होती है कि नहीं। उसका दर्श साथ चलने के लिए तयार हो गया। लेकिन कबरिस्तान के बाहर थी रहने के लिए बोला। उसने बोला कि मैं कबरिस्तान के अंदर नहीं जाओंगा। राहुल राजी हो गया। जैसे ही रात हुई दोनों कबरिस्तान के पास पहुँच गया। राहुल अंदर को कॉल किया और उससे पूछा, भाई क्या चुरैल दिखी। राहुल ने जवाब दिया, नहीं भाई। इसते उसके दोस्त ने राहुल को बोला, तू बाहर आ जाएं, हम घर चलते हैं। मुझे बहुत तेज़ से मेंद आई है। पर राहुल ने अपने दोस्त से कहा, तुझे मेंद आ रहे है, तो तू बाहर ही शो जा। आज मैं पूरी रात यहें रुखूंगा। मुझे आज पता करना है कि चु राहुल अन्दर चुड़ैल का इंतिजार करने लगा। काफी समय चुड़ैल का इंतिजार करने के बाद राहुल को मेंद आने लगी। राहुल वही सो गया। अभी राहुल कुछ मेंद नहीं था कि उसके वहाँ पे फाव्रे से जम्यन खोडने की आवार आने लगी। रा अच्छी साल ये वैरक कब्र के खोद रही है। थोड़ी देरी में उस आउरत ने कब्र से एक लाश को बाहर निकाला और जंगली जानवरों की तरह आवार करके उस लाश को नोच नोच के खाने लगी। इतना भयानन नजारा देखके राहुल के हाथ तैर कापने लगी। � कि ये भगवान आज बचालो। आज के बाद कभी भी कब्रिस्तान में नहीं आउँगा। काफी देज तक चुड़ैल ने इस मुर्दे को खाया। और सु पच्ची उर्भे आधिय मुर्दे के शरीर को तल खाने के लिए वापस कब्र में गाढने लगी। राहूल का दोस्त राहूल का हारचाल पुचने के लिए राहूल को कॉल करने लगा। कॉल की आवास सुनते ही वाद चुड़ैल राहूल के तरफ देखी। ज्ञारियों में छुटे होने के कारण राहूल ने सुचा चुड़ैल उसे देख नहीं पाएगी। पर ऐसा नहीं चुड़ैल आराम से राहूल का हाथ पकड़कर अपने साथ ले जाने लगी। राहूल बिना किसी विरोध के उसके साथ जाने लगा। और उस मुर्दे की नाश के बाहर फेट दिया। राहूल को उस कब्र में दफन करने के लिए राहूल के कब्र के अंदर सुलाने लगी� राहूल जिधर भी भागता चुड़ैल उसके सामने खरे गई मिलती। अब राहूल को उसकी मौस सामने नज़रा रही थी। राहूल चिल्लाते हुए अपने ब्रेस की तरफ भागा। तभी राहूल की आवाज सुनके उसका ब्रेस परिष्टान के अंदर आ द राहूल ने अपने दोस्त को बताया यहां सच में चुड़ैल है। कितना सुनते ही राहूल के देश्ट नहीं राहूल का हाथ पकड़ा और दोनों कब्रिष्टान के बाहर भाग गए। चीदा अपने घर गए। राहूल ने घर पहुँच के सारे घटना अपने दोस्त को �