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RABINDRA SANGEET
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ओ गनजी अपन्देगे पजन पडा अमि सब्द सपाज चरु गनध भरि चनजा हरा अमि सब्द अचल ठकी गवि चला भपन रखी अमि चला नवि पजाय अमि चला उनल धरा ओ गनजी अपन्देगे पजन पडा रखे पाते बाही हे आपन हाया योधी शरार देगे आगु पाया अमन चला जयो बाला आये पानी पानी चला आकश बोजे पलुं जोता बोजे निचा निरकारा ओ गनजी अपन्देगे पावे पारा स्वभो शापान सुनु वन्दो भोगे शंजा हारा ओ गनजी अपन्देगे पावे पारा