Details
Nothing to say, yet
Nothing to say, yet
हो घुम है किसी के त्यार में दिल सुभाशा पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम हाये राम हाये राम हो सोचा है एक दिन मैं उससे मिलके कह डालू अपने सब हाल दिल के और कर दू जीवन उसके हवाले फिर छोड़ दे चाहे अपना बनाले मैं तो उसकारे हुआ दिवाना अब तो जैसा भी मेरा हो अंजाम हो घुम है किसी के त्यार में दिल सुभाशा पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम हाईरा, हाईरा