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ब्रिष्टे भीजी आजो, तबे शुदो आफिस चेशे बाशार फेलार पथे हटाथ नेमे आशा अपरस्तुत एक पशला ब्रिष्टी ते। तम्ठोकानीर केटलीर बुद-बुद मुने परे, चापाती शिद्ध हावार ख्रान आजो नाके लागे। शुदो परे ना शुदो सस्था से चायर कापे। कखनो-कखनो शुनी, दो-एक जोन बैचलार गाम धारे। बाच्छो भाईर एकहन अनेक राद, खोला आकाशे रही जे। आमी ठोट मिलाई, निकोटीम पुढाई। आमर अच्छे तीन एममन गैप्से। खुछ्रो-पयशार सब्द सब्द सुनले इप, बिछलित हुए एवा धारे मुन। ये चलो, शुरीती शारो। आमर और एकता मासेर शेष्टा गैप्से, पड़ार टेबिले जमे जावा, खुछ्रो-पयशार दा पुटे। एर पर कोविता, गल्पो, किछो भोई, पुरोनो गान। सबी अछे तो भो नही। नही माने, किछो की आमन गैप्से। जा गेले, बाकी सब ठाका होये जाए नही। हाई तो एमनी किछो हरे अच्छे, देहो बाडे, बयोश पाडे, आत्ता ता सुझू उठाल-पाताल करे।